सर्दियों में बुज़ुर्गों के हाथ-पैर सुन्न क्यों पड़ जाते हैं? झनझनाहट और झुनझुनी के असली कारण व घरेलू उपाय
सर्दियों में बुज़ुर्गों के हाथ-पैर सुन्न क्यों पड़ जाते हैं? झनझनाहट और झुनझुनी के असली कारण व घरेलू उपाय
सर्दियों का मौसम आते ही बहुत-से बुज़ुर्ग यह शिकायत करने लगते हैं कि हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं, झनझनाहट होती है या सुई-चुभन जैसा महसूस होता है। कई लोग इसे उम्र का असर मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जबकि असल में यह शरीर के भीतर चल रही कुछ कमज़ोरियों और गलत आदतों का संकेत हो सकता है।
यह समस्या हल्की भी हो सकती है और गंभीर भी, इसलिए इसके कारणों को समझना और समय पर सुधार करना बेहद ज़रूरी है।
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➡️ बुज़ुर्गों में हाथ-पैर सुन्नपन और झनझनाहट का कारण क्या है?
जब किसी हिस्से में रक्त संचार ठीक से नहीं पहुँच पाता या नसों पर दबाव पड़ता है, तब वहां सुन्नपन या झनझनाहट महसूस होती है। बुज़ुर्गों में यह समस्या अक्सर हाथों, पैरों, पंजों या उंगलियों में ज़्यादा दिखती है।
यह संकेत हो सकते हैं:
• नसों की कमज़ोरी
• ब्लड सर्कुलेशन की कमी
• पोषण की कमी
• ठंड के कारण नसों का सिकुड़ना
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➡️ सर्दियों में यह समस्या क्यों बढ़ जाती है?
सर्दियों में तापमान गिरने से शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है, खासकर हाथ-पैरों में। बुज़ुर्गों का शरीर पहले से ही संवेदनशील होता है, इसलिए ठंड का असर उन पर जल्दी दिखाई देता है।
इसके अलावा:
• शरीर कम पसीना निकालता है
• पानी पीना कम हो जाता है
• चलना-फिरना घट जाता है
ये सभी कारण मिलकर सुन्नपन और झनझनाहट को बढ़ा देते हैं।
➡️ Vitamin B12 की कमी – बुज़ुर्गों में सुन्नपन का सबसे बड़ा कारण
Vitamin B12 नसों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी है। बुज़ुर्गों में इसकी कमी आम है।
लक्षण:
• हाथ-पैर में सुन्नपन और सुई-चुभन
• पैरों में जलन या ठंडापन
• चलने में संतुलन बिगड़ना
• जल्दी थकान और कमजोरी
• याददाश्त पर असर
क्यों होती है कमी:
• पाचन शक्ति कम होना
• लंबे समय से एंटासिड / गैस की दवाइयाँ लेना
• दूध या पशु-उत्पाद कम खाना
उम्र बढ़ने पर अवशोषण कम होना
> ज़रूरी: B12 सप्लीमेंट बिना डॉक्टर की सलाह न लें।
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➡️ बुजुर्गों में सुन्नपन और झनझनाहट के 7 मुख्य कारण
1️⃣ ब्लड सर्कुलेशन की कमी
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, दिल और नसों की ताकत कम होने लगती है। ठंड में रक्त नीचे की ओर कम पहुँचता है, जिससे हाथ-पैर सुन्न पड़ सकते हैं।
2️⃣ नसों की कमज़ोरी
लंबे समय से चली आ रही कमजोरी या नसों पर दबाव के कारण झुनझुनी की समस्या होती है।
3️⃣ विटामिन B12 की कमी
यह कमी बुज़ुर्गों में बहुत आम है और इसका सबसे पहला लक्षण सुन्नपन और सुई-चुभन होता है।
4️⃣ कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी
इनकी कमी से मांसपेशियाँ ठीक से…काम नहीं कर पातीं, जिससे हाथ-पैरों में झनझनाहट, खिंचाव और सुन्नपन महसूस होता है।
5️⃣ डायबिटीज (शुगर) की वजह से नसों को नुकसान
लंबे समय तक शुगर कंट्रोल में न रहने पर नसें धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं। इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है, जिसमें पैरों में जलन, सुन्नपन और झुनझुनी सबसे पहले होती है।
6️⃣ ठंड में शरीर को ढककर न रखना
सर्दियों में हाथ-पैर खुले रहने से नसें सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्त प्रवाह और कम हो जाता है और सुन्नपन जल्दी शुरू हो जाता है, खासकर रात के समय।
7️⃣ लंबे समय तक एक ही पोज़िशन में बैठना या सोना
एक ही तरफ करवट लेकर सोना, पैरों पर पैर रखकर बैठना या देर तक हिलना-डुलना न करने से नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे झनझनाहट और सुन्नपन बढ़ जाता है।
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➡️ बुज़ुर्गों में सुन्नपन व झनझनाहट के घरेलू उपाय
1️⃣ हल्की गुनगुनी तेल मालिश (रात में ज़रूर)
सरसों के तेल में थोड़ा सा लहसुन या अजवाइन डालकर गुनगुना करें। तेल बहुत ज़्यादा गरम न हो, बस हल्का गुनगुना।
सोने से पहले हाथ-पैरों में हल्की मालिश करने से नसों में रक्त संचार बढ़ता है और सुन्नपन कम होता है।
2️⃣ तिल और गुड़ का सेवन
सर्दियों में रोज़ सुबह 1 चम्मच तिल + थोड़ा गुड़ लेने से
कैल्शियम, मैग्नीशियम और गर्माहट मिलती है, जिससे नसों की कमजोरी घटती है।
3️⃣ गुनगुना पानी + हल्की हलचल
सुबह उठते ही ठंडा पानी पीने से बचें।
5–10 मिनट हाथ-पैर हिलाना, उंगलियाँ मोड़ना-सीधा करना बहुत फायदेमंद रहता है।
4️⃣ हल्दी वाला दूध
रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध लें।
नसों और जोड़ों को आराम देता है, सर्दी से बचाव करता है
5️⃣ Vitamin B12 और आयरन युक्त आहार
अपने आहार में अंडा, पनीर, चना, मूंगफली, पालक शामिल करें। यह नसों की कमजोरी और झनझनाहट में मदद करती हैं।
6️⃣ सोंठ का तेल से मसाज
सोंठ पाउडर + तिल/सरसों का तेल मिलाएँ
हाथ-पैर या जो जगह सुन्न है वहाँ हल्की मालिश करें
💡 फायदा:
हाथ-पैर सुन्नपन और झनझनाहट कम होती है
नसें मजबूत होती हैं
ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है
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🟡 क्या खाएं ताकि नसें मज़बूत हों
✔️ दूध, दही, छाछ – कैल्शियम के लिए
✔️ हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ – मैग्नीशियम के लिए
✔️ मूंग, चना, अंकुरित दालें – नसों की ताकत के लिए
✔️ मौसमी फल (संतरा, पपीता, अमरूद) – विटामिन B12 सपोर्ट
👉 हफ्ते में 2–3 बार तिल, अलसी या मूंगफली ज़रूर शामिल करें।
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🔴 क्या न खाएं (खासतौर पर रात में)
❌ बहुत ठंडा पानी
❌ ज़्यादा मीठा (शुगर वाले बुज़ुर्ग)
❌ बहुत देर से भारी भोजन
❌ ज्यादा चाय-कॉफी (नसों की संवेदनशीलता बढ़ती है)
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🌙 रात में सुन्नपन बढ़ने से बचाने के तरीके
✔️ सोते समय मोज़े पहनें
✔️ बहुत कसे कपड़े न पहनें
✔️ एक ही करवट पूरी रात न सोएँ
✔️ पैरों के नीचे पतला तकिया रखने से रक्त संचार बेहतर रहता है
⚠️ ज़रूरी चेतावनी
> अगर सुन्नपन लगातार बना रहे, जलन या चलने में दिक्कत हो, तो इसे उम्र का असर मानकर न छोड़ें। डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
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❓ FAQ: बुज़ुर्गों में सुन्नपन और झनझनाहट
Q1. क्या हाथ-पैरों का सुन्न होना उम्र का असर है?
उत्तर: पूरी तरह नहीं। उम्र बढ़ने पर रक्त संचार धीमा होता है, लेकिन बार-बार सुन्नपन आना अक्सर पोषण की कमी, नसों की कमजोरी या शुगर जैसी समस्या का संकेत होता है।
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Q2. रात में ही सुन्नपन क्यों ज़्यादा बढ़ जाता है?
उत्तर: रात में शरीर कम हिलता-डुलता है, ठंड का असर बढ़ता है और रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है। इसी वजह से रात में झनझनाहट ज़्यादा महसूस होती है।
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Q3. विटामिन B12 की कमी कैसे पहचानें?
उत्तर:
✔️ हाथ-पैरों में सुई-चुभन
✔️ चलने में लड़खड़ाहट
✔️ जल्दी थकान
✔️ याददाश्त कमज़ोर लगना
ये लक्षण अक्सर B12 की कमी से जुड़े होते हैं।
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Q4. क्या शुगर के मरीजों में यह समस्या ज़्यादा होती है?
उत्तर: हाँ। लंबे समय तक शुगर कंट्रोल में न रहने से नसें खराब होने लगती हैं, जिससे पैरों में जलन, सुन्नपन और झनझुनी होती है।
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Q5. ठंड में कौन-सी गलती सबसे ज़्यादा नुकसान करती है?
उत्तर:
❌ हाथ-पैर खुले रखना
❌ ठंडा पानी पीना
❌ देर रात तक जागना
❌ एक ही पोज़िशन में देर तक बैठे रहना
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Q6. क्या घरेलू उपाय सच में असर करते हैं?
उत्तर: अगर समस्या शुरुआती स्तर पर हो तो
तेल मालिश, सही खानपान और हल्की एक्सरसाइज़ से काफी राहत मिल सकती है।
लेकिन गंभीर मामलों में डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।
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Q7. कब डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है?
उत्तर:
👉 सुन्नपन लगातार बना रहे
👉 जलन या दर्द बढ़ता जाए
👉 पैरों में ताकत कम लगे
👉 चलने में दिक्कत हो
ऐसी स्थिति में जाँच करवाना जरूरी है।
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Q8. क्या रोज़ चलना फायदेमंद है?
उत्तर: हाँ। रोज़ 15–20 मिनट हल्की चाल से चलना नसों में रक्त संचार बढ़ाता है और सुन्नपन कम करने में मदद करता है।
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Q9. क्या यह समस्या पूरी तरह ठीक हो सकती है?
उत्तर: कारण पर निर्भर करता है।
अगर कारण पोषण की कमी या ठंड से जुड़ा हो, तो सही देखभाल से काफी सुधार संभव है।
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Q10. बुज़ुर्गों के लिए सबसे ज़रूरी एक आदत कौन-सी है?
उत्तर:
👉 शरीर को गर्म रखना
👉 समय पर खाना
👉 रोज़ थोड़ा हिलना-डुलना
यही तीन आदतें नसों को सबसे ज़्यादा बचाती हैं।
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